बॉलीवुड एक्टर इमरान हाशमी इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ग्राउंड जीरो को लेकर चर्चा है। अब इस बज के साथ साथ एक और बड़ी खबर आ रही हैं। अभिनेता यामी गौतम और इमरान हाशमी ने भारत की सबसे महत्वपूर्ण कानूनी लड़ाइयों में से एक, 1985 के शाह बानो मामले से प्रेरित अपने आगामी ऐतिहासिक फैसले की शूटिंग सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। इस बहुप्रतीक्षित फिल्म में, यामी शाह बानो की भूमिका में हैं, जबकि इमरान उनके पूर्व पति अहमद खान से प्रेरित एक किरदार निभा रहे हैं। फिल्म का उद्देश्य एक ऐसे ऐतिहासिक मामले पर प्रकाश डालना है जिसने लैंगिक अधिकारों, धार्मिक व्यक्तिगत कानूनों और संवैधानिक न्याय पर राष्ट्रीय बहस छेड़ दी। यह केस भारत में मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए किए गए संघर्ष को दिखाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, मेकर्स ने इस फिल्म में यामी गौतम के पति की भूमिका निभाने के लिए इमरान हाशमी को चुना है। वह फिल्म में अहमद खान की भूमिका में नजर आएंगे। रिपोर्ट्स की मानें तो इस फिल्म की शूटिंग का पहला शेड्यूल भी पूरा हो चुका है। फिल्म में 1970 का समय दिखाया जाएगा और यामी गौतम मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ती नजर आएंगी। 1978 में पांच बच्चों की मां 62 वर्षीय शाहबानो को उनके वकील पति मोहम्मद अहमद खान ने तीन तलाक दे दिया था। जब उन्होंने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के तहत गुजारा भत्ता मांगा तो मुस्लिम पर्सनल लॉ का हवाला देते हुए गुजारा भत्ता देने से इनकार कर दिया।
मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और 1985 में कोर्ट ने फैसला सुनाया कि धारा 125 सभी भारतीय नागरिकों पर लागू होती है और तलाकशुदा महिलाओं को गुजारा भत्ता मिलना चाहिए, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। यह फैसला ऐतिहासिक था, जिसने लैंगिक न्याय और धर्मनिरपेक्ष संविधान के सिद्धांतों को मजबूत किया। वर्क फ्रंट की बात करें तो यामी गौतम आखिरी बार धूम धाम और आर्टिकल 370 में नजर आई थीं। आर्टिकल 370 में यामी गौतम की एक्टिंग ने लोगों को काफी प्रभावित किया था।
वहीं दूसरी तरफ इमरान हाशमी इन दिनों अपनी फिल्म ग्राउंड जीरो के प्रमोशन में व्यस्त हैं। यह फिल्म भी एक सच्ची घटना पर आधारित है और वे फिल्म में बीएसएफ ऑफिसर की भूमिका में नजर आएंगे। ग्राउंड जीरो के बाद एक बार फिर इमरान आने वाली फिल्मों में असल जिंदगी का किरदार निभाते नजर आएंगे। बता दें कि वह सलमान खान की फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’ में नजर आए थे।